Thursday, February 23, 2017

इसरो ने बुधवार को एक साथ 104 सैटलाइट्स को सफलतापूर्व लॉन्च कर इतिहास रच दिया। जानें, इस उपलब्धि से जुड़े 10 अहम तथ्य..

1.इसरो ने बुधवार को 104 सैटलाइट्स लॉन्च किए हैं। इनमें से तीन भारत के हैं, जबकि 101 विदेशी और छोटे सैटलाइट्स हैं।

2. स्पेस एजेंसी ने इस लॉन्चिंग के लिए पोलर सैटलाइट लॉन्च वीकल (पीएसएलवी) का इस्तेमाल किया। पीएसएलवी-सी37 से पहले 714 किलोग्राम वजन के कॉर्टोसैट-2 सीरीज के सैटलाइट को पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपित किया गया। इसके अलावा 103 नैनो सैटलाइट्स लॉन्च किए गए, जिनका कुल वजन 664 किलोग्राम है।

3. इसरो के मुताबिक ज्यादातर नैनो सैटेलाइट्स इस्राइल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, अमेरिका और यूएई जैसे देशों के हैं।

4. इसरो ने इस लॉन्चिंग के साथ ही रूस के रेकॉर्ड को तोड़ दिया। रूसी स्पेस एजेंसी ने 2014 में एक साथ 37 सैटलाइट्स की लॉन्चिंग की थी।

5. इससे पहले पिछले साल जून में इसरो ने 20 सैटलाइट्स की एक साथ लॉन्चिंग कर नैशनल रेकॉर्ड बनाया था। इनमें से 13 सैटलाइट्स अमेरिका के थे।

6.स्पेस तकनीक के मामले में इसरो लगातार नए कीर्तिमान बना रहा है। खासतौर पर कम कीमत पर लॉन्चिंग को लेकर इसरो ने दुनिया भर की स्पेस एजेंसियों को पीछे छोड़ दिया है। 2014 में पीएम मोदी ने भी कहा था कि इसरो ने चार विदेशी सैटलाइट्स को एक हॉलिवुड फिल्म बनाने पर लगने वाली लागत से भी कम में ऑर्बिट में पहुंचा दिया।

7.कमाई के लिए कमर्शल सैटलाइट्स को स्पेस में भेजने का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह यह है कि फोन, इंटरनेट और अन्य कंपनियां और तमाम देश हाईटेक कॉम्युनिकेशंस की मांग कर रहे हैं।

8.इसरो ने 2013 में ऑर्बिट मार्स पर एक मानवरहित रॉकेट भेजा था। इस पर सिर्फ 73 मिलियन डॉलर की लागत आई थी। दूसरी तरफ नासा ने इसी तरह का मार्स मिशन 671 मिलियन डॉलर की भारी-भरकम लागत से भेजा था।

9.इसरो बुध और बृहस्पति ग्रह पर भी मिशन भेजने पर विचार कर रहा है।

10.इसरो की कामयाबियों को तवज्जो देते हुए केंद्र सरकार ने इस बार के आम बजट में स्पेस एजेंसी के बजट आवंटन में 23 फीसदी का इजाफा कर दिया है।

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